एक्सक्लूसिवः नक्सलियों से लड़ रहे सीआरपीएफ के 894 जांबाजों को नहीं मिलेगा हाई रिस्क अलाउंस

कांबिंग करते सीआरपीएफ के जवान।
कांबिंग करते सीआरपीएफ के जवान।
जम्मू कश्मीर, नक्सल और जोखिम भरे दूसरे इलाकों में अपने शौर्य का लोहा मनवाने वाली सीआरपीएफ के छत्तीसगढ़ सेक्टर में तैनात जांबाजों को अब रिस्क अलाउंस नहीं मिलेगा। हाई रिस्क जोन वाले ऑपरेशनल एरिया में तैनात इन जवानों को अभी तक हर माह 9,700 रुपये से लेकर 17,300 रुपये मिलते रहे हैं। छत्तीसगढ़ जोन के सीआरपीएफ आईजी ने 22 बटालियनों के मुख्यालयों को पत्र भेजकर कहा है कि बिना किसी देरी के इन जवानों का रिस्क अलाउंस रोक दिया जाए।

894 जवानों की शारीरिक क्षमता पर सवाल

छत्तीसगढ़ के स्पेशल ऑपरेशन जोन (एसओजेड) में सीआरपीएफ की 22 बटालियन (जनरल ड्यूटी) तैनात हैं। आईजी जीएचपी राजू की ओर से भेजे गए पत्र में लिखा है कि इन बटालियनों के 894 जवानों को मिलने वाला हाई रिस्क अलाउंस फौरन रोक दिया जाए। ये जवान यहां पर ड्यूटी देने लायक नहीं हैं। यह क्षेत्र हाई कॉन्फ्लिक्ट जोन में आता है, इसलिए यहां पर सर्वोत्तम शारीरिक क्षमता वाले जवानों की जरूरत है। ये जवान लो मेडिकल केटेगरी में आते हैं। नक्सल इलाकों में लगातार चलने वाले ऑपरेशन को ये जवान प्रभावित करेंगे और कमांडेंट पर भी इनका एक भार रहेगा। पत्र के मुताबिक यहां तो शॉर्ट नोटिस पर तैयार रहना पड़ता है और ये 894 जवान अब रिस्क लेने के लायक नहीं हैं।

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